Bharatiy Reserve Bank Related News, 2025 का वर्ष भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) के लिए नीतिगत सुधारों का दौर बन चुका है।

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RBI ने इस वर्ष कुछ ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं जो न केवल मौद्रिक नीति को प्रभावित करते हैं, बल्कि डिजिटल बैंकिंग, विदेशी मुद्रा नीति और वित्तीय समावेशन को भी एक नई दिशा दे रहे हैं। यह ब्लॉग आपको विस्तार से बताएगा कि कैसे RBI ने 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था के विविध पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनेक नीतिगत सुधार किए हैं।
Bharatiy Reserve Bank Related News today
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) हर माह बैंकों के लिए छुट्टियों को कलेंडर जारी करता है। आरबीआई के मुताबिक, 12 जुलाई से लेकर 20 जुलाई तक 7 दिन बैंक बंद रहने वाले है।
विषय -वस्तु | विवरण |
---|---|
बैंक का नाम | भारतीय रिज़र्व बैंक |
वर्ष | 2025 |
देश | भारत |
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इस दौरान सिर्फ दो दिन ही बैंकों में कामकाज होगा। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर बैंक बंद रहेंगे। हालांकि यह छुट्टियां सभी राज्यों में एक समान नहीं होगी।
Historic cut in Repo Rate
RBI की Monetary Policy Committee (MPC) ने जून 2025 में आयोजित बैठक के बाद यह ऐलान किया कि अब Repo Rate को 6.00% से घटाकर 5.50% कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही Cash Reserve Ratio (CRR) को भी 4% से घटाकर 3% कर दिया गया है। ये दोनों बदलाव इस बात के संकेत हैं कि केंद्रीय बैंक अब विकास की गति को तेज करने की दिशा में गंभीर है।
- इसके संभावित लाभ:
Loan की ब्याज दरें कम होने से आम जनता को राहत मिलेगी। - MSME सेक्टर और स्टार्टअप को आसान ऋण मिलेगा।
- Housing और Consumer Demand को बढ़ावा मिलेगा।
- यह परिवर्तन विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो शिक्षा, वाहन या होम लोन लेना चाहते हैं।
Foreign Exchange Policy में लचीलापन
RBI ने 2025 में रुपये की अस्थिरता (Volatility) को लेकर अपने रुख में परिवर्तन किया है। अब विदेशी मुद्रा विनिमय दर को नियंत्रित करने में RBI ने Light-touch regulation नीति को अपनाया है। इसका अर्थ यह है कि रुपये को अब अधिक स्वतंत्रता के साथ बाजार में काम करने दिया जाएगा।
- मुख्य प्रभाव:
Exporting कंपनियों को now market-driven rate का लाभ मिलेगा। - बड़ी कंपनियां अब अपनी Forex exposure को 90% तक hedge कर रही हैं।
- Currency volatility को समझदारी से manage करने की आदत विकसित हो रही है।
- यह निर्णय भारत को Global Currency Market में अधिक भरोसेमंद खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Digital KYC प्रक्रिया में बदलाव
2025 में RBI ने Know Your Customer (KYC) प्रणाली को आधुनिक और inclusive बनाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी कीं। अब ग्राहक निम्नलिखित तरीकों से KYC पूरा कर सकते हैं:
- Face-to-Face verification
- Non-Face-to-Face (NFTF)
- Video-based Customer Identification Process (V-CIP)
- इन बदलावों के लाभ:
दूरदराज के इलाकों के लोग अब आसानी से बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। - Paperless और समय बचाने वाली प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
- Fraud cases को ट्रैक और रोकना अधिक सरल होगा।
- RBI का यह कदम Digital India अभियान के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह मेल खाता है।
Digital Deposit Liquidity Norms में राहत
अप्रैल 2025 में RBI ने बैंकों को डिजिटल जमा राशि (Digitally Accessible Retail Deposits) पर बनाए रखने वाले Run-Off Buffer को 5% से घटाकर 2.5% कर दिया है। इसके लिए अंतिम तिथि 1 अप्रैल 2026 निर्धारित की गई है।
- इसका प्रभाव:
बैंकों की तरलता की स्थिति बेहतर होगी। - ब्याज दरों में सुधार देखने को मिलेगा।
- Retail Deposit Products को और अधिक आकर्षक बनाया जा सकेगा।
- RBI के इस निर्णय से बैंकिंग प्रणाली पर अनावश्यक दबाव कम होगा और ग्राहकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है।